۸ آذر ۱۴۰۳ |۲۶ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 28, 2024
मजलिस

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार ,हुज्जतुल इस्लाम हुसैन इज़दी ने कहा, रहमतों में से एक बड़ी रहमत हौज़ा ए इल्मिया में ज्ञान प्राप्त करना है इसके लिए हमें अपने समय की कद्र करनी चाहिए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार , अलज़हरा फाउंडेशन सिंध पाकिस्तान के छात्रों द्वारा जो वर्तमान में क़ुम मुक़द्देसा, ईरान में रह रहे हैं एक मजलिस ए अज़ा का आयोजन किया गया। इस मजलिस को हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन हुसैन इज़दी ने संबोधित किया।

उन्होंने अपनी तकरीर की शुरुआत पैगंबर-ए-अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वआलिहि वसल्लम की एक हदीस से जिसमें उन्होंने फरमाया:

"إِنَّ لِرَبِّكُمْ فِي أَيَّامِ دَهْرِكُمْ نَفَحَاتٍ أَلاَ فَتَعَرَّضُوا لَهَا"
तुम्हारे परवरदिगार की ओर से तुम्हारी जिंदगी के कुछ खास दिनों में विशेष रहमतें होती हैं तो उन्हें पाने का प्रयास करो।

इस हदीस का अर्थ समझाते हुए जनाब इज़दी ने कहा कि अल्लाह तआला इंसान की जिंदगी के कुछ खास दिनों में विशेष अनुकंपाएं और रहमतें प्रदान करता है और हमें चाहिए कि हम इनसे पूरा लाभ उठाएं।

उन्होंने अपनी बातचीत में एक महत्वपूर्ण बिंदु पर जोर देते हुए कहा कि इन रहमतों में से एक बड़ी रहमत हौज़ा ए इल्मिया में इल्म हासिल करना है। इसके लिए हमें अपने वक्त की अहमियत समझनी चाहिए और उसका सही इस्तेमाल करना चाहिए।

अखलाक़ के पहलू पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, इंसान अपनी दुनिया में अपने कर्मों से अपनी बरज़ख़ बनाता है।

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